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तपती सिसकती धूप में शीतल छांव तुम हो
तृषित थकन का अभिराम तुम हो
जो ढलकती जाए वो सुरमई शाम तुम हो
सांसो की रवानी और मेरा अरमान तुम हो
छू ले जो दिल को मेरे ऐसी नजरे दीदार ना कर
खुद को भी खुदा समझ लूँ ऐसे ऐतवार ना कर
यूँ तो रश्क होता है हमें अपनी किस्मत पर
तमन्ना हद से गुजर जाए ऐसे बेक़रार मत कर
वक़्त की दीवार पर दर्द की हर निशानी तेरी है
धड़कते दिल के जज्बातों की हर कहानी तेरी है
वफ़ा के कीमत की नीलामी हुई ज़माने में
बावजूदे तर्के-मुहब्बत तमन्ना दीवानी तेरी है
नयनो से नयनो की बात हो तो कैसे
खुशियों के सफ़र में चंद मुलाकात हो तो कैसे
कैसे जताए तुम्हे बेगानों में एक तू ही अपना है
तुम संग दो पल बिताने के हालात हो तो कैसे
तुम रुठोगे अगर तो सारे जतन कर मनाएंगे हम
तुम नजरे गर फेर लोगे जीतेजी मर जायेंगे हम
तमन्नाये इश्क की कोई हद नहीं होती
सम्हाल लो मुझे वरना बिखर जायेंगे हम
स्वीकार करो नजराना सनम मेरे प्यार का
नयनो के काजल,गजरे की खुशबू और हार का
तुम जो मिले हो तो मिल गयी खुदाई
तमन्ना क्या करेगी दुनिया संसार का
भींगी वारिश की बूंदों में अगन सी लगी
साजना तुझे पाने की लगन सी लगी
हँसता है ज़माना हमारी वफाई पर
तमन्ना तेरे प्यार में जोगन सी लगी