दोस्तों आज April Fool है मूर्ख बनने और बनाने का दिन चाहे जान बुझकर ही बनते हों हमसब ....अपनी जिंदगी के कटु सच्चाइयों के बीच किसी को हँसाना और खुद की गलतियों पर हंसना आसान है क्या........ April Fool भी इसी लिए बना है शायद........दूसरी तरफ शरद की गुलाबी ठंडक,वसंत की मदहोशी ,फाल्गुन की रंगीनियो के बाद चैत्र की नवरात्रि और रामनवमी की पवित्रता के बाद पर्वो का सिलसिला खत्म होने वाला होता है और जेठ की ...तपती दुपहरी के आगमन के संकेत मिलने लगते है....ऋतुओ के पतझड़ का समय.......उसी उदासीनता में हमें जरुरत पड़ती है दो पल खुशियों की प्यारी फुहार की.........शायद April Fool का यही मकसद होगा..सोचिये सोचिये.........अरे दोस्तों अब दिमाग मत लगाइए ...अब ऋतुएं कोई तमन्ना तो है नहीं कि हर क्षण आपको महकाती रहेगी अपनी प्यारी बातो से....अपने सपनो से....और गाएगी आज फिर जीने की तमन्ना है.......तो पेश है एक तमन्ना का तमन्ना भरा नजराना ...
Monday 9 April 2012
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