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अनकही
हमने सुन ली तुम्हारी हर अनकही अब बोलना जरुरी तो नहीं
हमने सह लिए तुम्हारे हर सितम अब जताना जरुरी तो नहीं
हमने महसूस किया तुम्हारा हर दर्द अब बताना जरुरी तो नहीं
हमने जी लिए तुम्हारे हर रिश्ते अब ज़माने को दिखाना जरुरी तो नहीं
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