Monday 9 April 2012

तमन्ना की कहानी - तमन्ना की जुबानी

नमस्कार दोस्तों..... तमन्ना फिर आ गयी आपके सामने एक नया confusion लेकर .....अब तमन्ना भी क्या करे आप लोगो में से किसी ने लिखा मुझे कि तमन्ना मैं आपको अपना प्यार समर्पित करता हूँ ........अब तमन्ना क्या जाने समर्पण का मतलब.......वो तो सीधी साधी भाषा में दिल और सपने की बात करने वाली है........ज्ञान और साहित्य से तो दूर दूर तक उसका वास्ता है नहीं... फिर तमन्ना ने अपने बुद्धिजीवी दोस्तों से समर्पण का म...तलब जानना चाहा......फिर से ज्ञान.......समर्पण मतलब अपने सर्वस्व का अर्पण .......उन्होंने सिखाया अपनी पञ्च इन्द्रियों को समेट कर अपने अहम् को त्याग कर कर्म साधना करने को समर्पण कहते हैं.....अब दोस्तों फिर भगवान् भी हम मनुष्यों की कितनी परीक्षा लेते हैं ना.....अगर इन्द्रियों को समेटना ही था तो वो हमें भी देवता बना देते ...जो स्वर्ग लोक में इतनी अप्सराओं के बीच रहकर भी निर्लिप्त हैं भोगवादी प्रकृति से.....दिनकरजी ने उर्वशी में लिखा था . धरती की इसी सुन्दरता का रस चखने इतनी सुन्दर अप्सरा ने स्वर्ग छोड़ दिया............अरे दोस्तों देखा नींद आने लगी ना........ऐसी बाते तमन्ना के बस की कहाँ है.....वो तो जानती है कि आपके सामने जो भी काम आता है उसे पूरी तन्मयता से खुश होकर करना ही समर्पण है........अब तमन्ना अपने दिल की बात आप तक पहुचाती है पूर्ण समर्पण से ...और आपसे भी उम्मीद करती है कि आप भी दिल को खुला रखे और खुशियों को अपने अन्दर झाँकने दे पूर्ण समर्पण से....अब देखिये ना....एक बहुत पुराना गाना है मेरा पसंदीदा पर कितना समर्पण है इसके प्यार में जरा सोचिये तो....अरे दोस्तों आज आपको खुली छुट है सोचने की समर्पण के बारे में....और हाँ गाना अच्छा लगे तो दो शब्द लिखियेगा जरुर और ना अच्छा लगे तो निद्रा रानी की गोद में सो जाईये पूर्ण समर्पित होकर......
 
www.youtube.com
‎"Sahib Bibi Aur Ghulam" (Hindi:साहिब बीबी और गुलाम, is a 1962 Indian Hindi film. Produced by Guru Dutt and directed by Abrar Alvi. )

No comments:

Post a Comment