Monday 9 April 2012

तस्वीर

तमन्ना थी तेरे संग दो पल बिताने की

तुमसे मिलकर ना जुड़ना तकदीर बन गयी

उकेरी जो हमने रेत पर अपनी उंगलियाँ

गौर से देखा तो तेरी तस्वीर बन गयी




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