दोस्तों ! आज अष्टमी है माँ की पवित्र पूजा और अर्चना का दिन.इसीलिए तमन्ना आज मन के भावो की बात करेगी....भाव तो भाव है चाहे दिल में उठे जज्बातों में उठे या किसी को नीचा दिखाने में उठे.मैं ना ऋषि हूँ ना मुनि पर इतना तो तमन्ना जानती है कि नवरात्रि का समय हमारे अन्दर के भावों का शुद्धिकरण हेतु होता है....अपनी बुरी भावनाओ पर अच्छी भावनाओं के विजय की...और जिसने अपने भाव की शुद्धि करली उसके लिए हर दिन िजय...ादशमी......तमन्ना सोचती है कि अगर ये सिलसिला हमेशा कायम रहे तो हर दिन विजयादशमी..पर अच्छी बाते क्या होती है...दुनिया की मत सुनिए ..जो आपके मन को जो अच्छी लगे वो अच्छी और बुरी लगे तो बुरी...सोचिये सोचिये.....पर ज्यादा नहीं...तमन्ना का अस्तित्व इन बातो में खो जाता है...सो दोस्तों मन से दिल पर आइये और सुनिए तमन्ना का एक सुकून और चैन देने वाला प्यारा सा गीत...
Monday 9 April 2012
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