Monday 9 April 2012

सुरमई शाम

तपती सिसकती धूप में शीतल छांव तुम हो

तृषित थकन का अभिराम तुम हो

जो ढलकती जाए वो सुरमई शाम तुम हो

सांसो की रवानी और मेरा अरमान तुम हो


 
 

बेकरारी

छू ले जो दिल को मेरे ऐसी नजरे दीदार ना कर

खुद को भी खुदा समझ लूँ ऐसे ऐतवार ना कर

यूँ तो रश्क होता है हमें अपनी किस्मत पर

तमन्ना हद से गुजर जाए ऐसे बेक़रार मत कर




तर्के-मुहब्बत

वक़्त की दीवार पर दर्द की हर निशानी तेरी है

धड़कते दिल के जज्बातों की हर कहानी तेरी है

वफ़ा के कीमत की नीलामी हुई ज़माने में

बावजूदे तर्के-मुहब्बत तमन्ना दीवानी तेरी है





अपनापन

नयनो से नयनो की बात हो तो कैसे

खुशियों के सफ़र में चंद मुलाकात हो तो कैसे

कैसे जताए तुम्हे बेगानों में एक तू ही अपना है

तुम संग दो पल बिताने के हालात हो तो कैसे





तमन्नाये इश्क

तुम रुठोगे अगर तो सारे जतन कर मनाएंगे हम

तुम नजरे गर फेर लोगे जीतेजी मर जायेंगे हम

तमन्नाये इश्क की कोई हद नहीं होती

सम्हाल लो मुझे वरना बिखर जायेंगे हम


प्यार का नजराना

स्वीकार करो नजराना सनम मेरे प्यार का

नयनो के काजल,गजरे की खुशबू और हार का

तुम जो मिले हो तो मिल गयी खुदाई

तमन्ना क्या करेगी दुनिया संसार का




लगन

भींगी वारिश की बूंदों में अगन सी लगी

साजना तुझे पाने की लगन सी लगी

हँसता है ज़माना हमारी वफाई पर

तमन्ना तेरे प्यार में जोगन सी लगी




दिल के जज्बात

आपके पहलू में बैठे है अब तुम्हे देखे कि कुछ बात करे

आंखे हया से उठती नहीं ,नजर झुकाएं या दिल के जज्बात कहे

इंतज़ार था तुम्हारा सदियों से तमन्नाये दिल को

जब मुखातिब है तुमसे ,शिकवा करे या प्यार करे




इश्क की डगर

इश्क की राह मुश्किल है ,पर एक बार चल कर देख तो सही

प्यार रोटी नहीं देता सच है पर प्यार का अमृत चखकर देख तो सही

लोग कहते है इंसान मर जाए तो रूह मरती नहीं

जुदा है तुमसे ,जिस्म जिन्दा है पर बेजान रूह देख तो सही




कोमलतम अहसास

मन का कोमलतम अहसास तुम्हारी ही इनायत है

धड़कते दिल का स्पंदन तुम्हारी ही खिदमत है

यूँ तो कितने मस्त मौले मिले दुनिया में हमें

जो तमन्नाये रूह उतर जाए वो तेरी ही मोहब्बत है




दर्पण

तुम्हारे आने की खबर सुन कई अरमान सजाये मैंने

लाखो ख्वाबो के खुबसूरत घरौंदे बनाए मैंने

जब तुम चले गए एक पल में सब छूट गया

आह भी नहीं निकली पर सपनो का दर्पण टूट गया




कसमे वादे

काँटों की बाते बहुत हुई अब फूलो की हम बात करे

थक गए पैर दुपहरी में अब झूलो की हम बात करे

सांसो में तू ही ख्यालो में, तू है मेरी जिस्मो जान

कसमे वादे बहुत हुए अब रस्मो की हम बात करे





सौगात

अब भी शाम बस तेरी याद ही ले आती है

अब भी हर ख़ुशी तेरी सौगात ही लाती है

तुम दूर हो मुझसे पर ऐ मेरे हमसफ़र

शमा की रोशनी परवाने को ही जलाती है





सरगम

हमें मदिरा का क्या करना जब मदहोशी तेरे ख्याल में है

हमें फूलों का क्या करना जब खुशबू तेरी राह में है

हमें सुरों का क्या करना जब सरगम तेरे साज में है

हमें दुनिया का क्या करना जब प्यार तेरे पनाह में है




अनकही

हमने सुन ली तुम्हारी हर अनकही अब बोलना जरुरी तो नहीं

हमने सह लिए तुम्हारे हर सितम अब जताना जरुरी तो नहीं

हमने महसूस किया तुम्हारा हर दर्द अब बताना जरुरी तो नहीं

हमने जी लिए तुम्हारे हर रिश्ते अब ज़माने को दिखाना जरुरी तो नहीं





मोती का मुकद्दर

समेट लो मुझे अपने दायरे में हम सिमट जायेंगे

ख्वाव है कई अनदेखे जिसमे हम उलझ जायेंगे

मोती का मुकद्दर हार की लड़ियो में होता है

थाम लो हमारे दामन को वरना हम बिखर जायेंगे




ज्ञान

ज्ञान भी मन के आँखों से ही होता है ज्ञानियो से सीखकर नहीं....ज्ञान दुनिया में बिखरा पड़ा है पर उसके अनुभव को भी दिल के चक्र से ही गुजरना पड़ता है दृदय चक्र से...

विजयादशमी..

दोस्तों ! आज अष्टमी है माँ की पवित्र पूजा और अर्चना का दिन.इसीलिए तमन्ना आज मन के भावो की बात करेगी....भाव तो भाव है चाहे दिल में उठे जज्बातों में उठे या किसी को नीचा दिखाने में उठे.मैं ना ऋषि हूँ ना मुनि पर इतना तो तमन्ना जानती है कि नवरात्रि का समय हमारे अन्दर के भावों का शुद्धिकरण हेतु होता है....अपनी बुरी भावनाओ पर अच्छी भावनाओं के विजय की...और जिसने अपने भाव की शुद्धि करली उसके लिए हर दिन िजय...ादशमी......तमन्ना सोचती है कि अगर ये सिलसिला हमेशा कायम रहे तो हर दिन विजयादशमी..पर अच्छी बाते क्या होती है...दुनिया की मत सुनिए ..जो आपके मन को जो अच्छी लगे वो अच्छी और बुरी लगे तो बुरी...सोचिये सोचिये.....पर ज्यादा नहीं...तमन्ना का अस्तित्व इन बातो में खो जाता है...सो दोस्तों मन से दिल पर आइये और सुनिए तमन्ना का एक सुकून और चैन देने वाला प्यारा सा गीत...
 

रूहे-तमन्ना

गुमनाम अंधेरो में एक किरण तेरे नाम की,

रेत के समंदर में शबनमी बूंदे तेरे नाम की,

रूहे-तमन्ना में इस कदर जूनून है तेरा,

मौत के दर पर भी चंद सांसे तेरे नाम की




स्पर्श


नमस्कार दोस्तों।।।दोस्तों आज तमन्ना के मेसेज बॉक्स में एक mail आई कि तमन्ना की भावनाओं ने उनके दिल को स्पर्श कर लिया है बहुत मीठेपन के साथ .अब तमन्ना सोचती है स्पर्श भी कोई खाने की चीज तो है नहीं ...तो वो मीठी या चटपटी कैसे हो सकती है ...अब जरा देखिये तो स्पर्श के कई रंग...अगर भीड़ में आप कही जा रहे है और कई लोगो से आप छु जाते है पर ना कोई फीलिंग्स आती है ना कोई मीठेपन का अहसास....जब आप अपने प्यार के सामने भी ...होते है उनके होने मात्र से आप उनके vibration को महसूस करते हैं ...दूर से भी उनके अहसास से आप तरंगित हो सकते है.मन के स्पर्श से....और एक स्पर्श रेकी का भी स्पर्श है जो आपके healing पॉइंट्स को स्पर्श करके आपको बीमारियो से मुक्त करता है... और अब एक और अहसास तमन्ना का है जो आपकी तमन्नाओ को आपके सपनो को रंग देता है....सोचिये सोचिये.......अरे दोस्तों कितना सोचेंगे....दिल के स्पर्श को दिल से महसूस कीजिये.... और आज का गाना सुनिए


चाहत

आओ ना अब हद की भी हद हो गयी

आओ ना अब तुम्हारी चाहत बेहद हो गयी

अब औंसुओ को भी गवारा नहीं मेरा साथ

आओ ना अब तुझे पाने की हमें जिद हो गयी





उम्मीद

ना जाने किसकी उम्मीद में वो खोये थे

आँखों से लगता था रात भर रोये थे

सपनो में जब उन्होंने पुकारा मुझे

ऐसा लगा मुझे याद करके सोये थे





झंकार

पायल से पायल के रुनझुन की झंकार सुन्दर है

मोह्हबत से मोह्हबत का अरमान सुन्दर है

वो तो आते है एक पल में चले जाते हैं

उनसे बढ़कर उनकी यादों का आगाज़ सुंदर है





कशिश

जाने क्यों देख कर मुस्कराने को इकरार कहते है

निगाहों के झुकाने को इश्के- इज़हार कहते है

कशिश ऐसी हो जो दिल-से-दिल तक जा पहुंचे

ऐसे ही जुनूने - तमन्ना को प्यार कहते हैं





April Fool

दोस्तों आज April Fool है मूर्ख बनने और बनाने का दिन चाहे जान बुझकर ही बनते हों हमसब ....अपनी जिंदगी के कटु सच्चाइयों के बीच किसी को हँसाना और खुद की गलतियों पर हंसना आसान है क्या........ April Fool भी इसी लिए बना है शायद........दूसरी तरफ शरद की गुलाबी ठंडक,वसंत की मदहोशी ,फाल्गुन की रंगीनियो के बाद चैत्र की नवरात्रि और रामनवमी की पवित्रता के बाद पर्वो का सिलसिला खत्म होने वाला होता है और जेठ की ...तपती दुपहरी के आगमन के संकेत मिलने लगते है....ऋतुओ के पतझड़ का समय.......उसी उदासीनता में हमें जरुरत पड़ती है दो पल खुशियों की प्यारी फुहार की.........शायद April Fool का यही मकसद होगा..सोचिये सोचिये.........अरे दोस्तों अब दिमाग मत लगाइए ...अब ऋतुएं कोई तमन्ना तो है नहीं कि हर क्षण आपको महकाती रहेगी अपनी प्यारी बातो से....अपने सपनो से....और गाएगी आज फिर जीने की तमन्ना है.......तो पेश है एक तमन्ना का तमन्ना भरा नजराना ...
 
 

आहट

कहने से कई बार सुनी मेरी बात तुमने

बिना कुछ कहे समझ जाओ तो कोई बात हो

दिल के दरवाजे खोल रखे है एक जमाने से,

बिना आहट तुम आ जाओ तो कोई बात हो...





बेखुदी

बेसुधी इतनी है कि खुद को ही भुला बैठे हैं

बेखुदी इतनी है कि उन्हें ही खुदा बना बैठे हैं

तड़प कर लवो पर नाम जो उनका आया

चंद लम्हों की जिदगी भी उनपर लुटा बैठे हैं





दस्तक ok

मन के सुने आंगन में दस्तक दिया करता है कोई,

हसीं ख्वाबो में भी एक पल न रुखसत करता है कोई

हाथो की रेखाओ में तुम्हारे नाम की लकीर नहीं,

बावजूदे इसके तुम्हे मंजिल बना तुमतक रुकता है कोई







आंखे


दोस्तों आज तमन्ना बात करेगी आँखों का. कहते है आंखे दिल का दर्पण होती है आप जो भी सोचते है अपने मन में और दिल में आपकी आंखे उसे बयां कर देती है. कितनी प्यारी बात है ना दोस्तों ,दिल की धड़कन को सुनने के लिए आप lub -dub sound का यन्त्र लगवाते है और दिल के अन्दर झांकने के लिए angiography की जरुरत होती है पर यहाँ एक बार अपने प्यार को नजर भर के देख लीजिये ,दिल की धड़कन भी बढ़ जाएगी और आंखे दिल का... हाल भी बता देंगी .......क्या बात है. ....और अगर किसी दुश्मन से पाला पड़ गया और उसने नजरे तरेरी आपके दिल का sound दुसरे सुन सकते है.....है ना दोस्तों...नजरे मिलाई तो दिल धड़का ......,नजरे झुकाई तो दिल ने पेंगे लगाईं और कभी उसने नजरे चुराई तो भी दिल का हाल बुरा....नजर की एक और बानगी देखिये शनि की एक बुरी दृष्टि में सोने की लंका काली पड़ गयी...वाह रे नजर का खेल....सोचिये सोचिये.....अब सोचना बस भी कीजिये तमन्ना की नज़र से देखिये दुनिया की हर खूबसूरती को और हर लम्हे में ख़ुशी महसूस कीजिये......तो पेश है आँखों का एक और जादूगरी भरा तराना

जन्नत

सजदे किये है उस राह के जिसमे तुम संग दो कदम चले

अरमान किया उस जन्नत का जिसमे तुम संग दो पल गुजरे

हर एक तराने -तमन्ना में तेरे नाम की खुशबु बसती है

सलाम किया है उस लम्हे का जिसमे तुम संग मेरे सपने पले




मनुहार

बिताए बहुत दिन तुम्हारा मनुहार करते करते

अब तुमसे रूठने- मनवाने को जी चाहता है

तमन्नाये-तड़प में हैं सदियाँ गुजारी

तुम्हारे प्रीत में संवर जाने को जी चाहता है




तेरे मेरे सपने


दोस्तों आज कही सुना मैंने ये गाना, तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं... तमन्ना के दिल ने सोचा सपने तो सपने हैं ये कोई कैनवास तो है नहीं फिर इस में भी रंगों की बात कहाँ से आ गयी ....शायद इसीलिए कि सपने में कोई बेहद खुबसूरत चीज दिखी तो रंग गुलाबी -गुलाबी.....अगर कुछ बुरे सपने देखे तो रंग स्याह..... ,अगर समंदर की लहरों में खुद को अठखेलियां करते पाया तो रंग फेनिल लहरों की तरह दुधिया सफ़ेद .....और चांदनी र...ातो में अपने प्यार के साथ सैर कर रहे है तो रंग आसमान की तरह नीला नीला ...सपनो में किसी पर गुस्सा आया तो रंग नीला-पीला ,वाह रे सपनो में रंगों का खेल.. .कभी सतरंग तो कभी बेरंग ......अरे हाँ सपनो के और रंग देखिये..सफल लोगो की सफलता की ईमारत भी सपनो में ही बनती है और उसका रंग फोटो के negative की तरह black & white .... जब वो जमीं पर आता है तो इतिहास लिख जाता है....मनोवैज्ञानिक भाषा में सपनो के कारण है कि आप सपनो में उन पलों को जी लेते हैं जिसकी आपको जीने की तमन्ना ....उन सपनो में अपने मन की तुलिका से मनचाहा रंग भर लेते हैं जो आपको वास्तविक जीवन में नहीं मिलते......तो दोस्तों इससे depression (अवसाद)नहीं होता.....कितने खुशरंग होते हैं सपने...........हैं ना....सोचिये सोचिये.....अरे दोस्तों सपनो की बाते अभी क्यों सोच रहे हैं .....आइये सपनो में तमन्ना के ख्यालो में और तमन्ना के रंग में रंग जाइये ..........पल पल दिल के पास रहने की तमन्ना .......

प्यार के धागे

धागे तेरे प्यार के तोड़े न तोड़ा जाए

सपनो का सुहाना सफ़र छोड़े ना छोड़ा जाए

कहते हैं इश्क की राह दुर्गम है ऐ तमन्नाये-दिल

मंजिले-डगर जब तुम्हारी है रोके ना रुका जाये




कश्ती

समंदर की लहरों में बहती कश्ती तेरे नाम की है

गुलशन की बहारो में हर खुशबु तेरे नाम की है

चाँद सितारे तोड़ना तो मेरे बस में नहीं है लेकिन

सपनो के आस्मां में अटल ध्रुवतारा तेरे नाम का है




तस्वीर

तमन्ना थी तेरे संग दो पल बिताने की

तुमसे मिलकर ना जुड़ना तकदीर बन गयी

उकेरी जो हमने रेत पर अपनी उंगलियाँ

गौर से देखा तो तेरी तस्वीर बन गयी




अंतर्द्वंद

नमस्कार दोस्तों...आज सुबह से तमन्ना का मन उलझ गया है दिल और मन के बीच की तकरार को लेकर......... इन उलझे धागों का करूँ तो क्या करू .....कई सवाल सिनेमा की तरह मन की आँखों में आते जाते हैं., दिल पर भरोसा करू या मन पर....अपनों की बात सही है या दोस्तों की...मेरा ये निर्णय सही है या गलत ...आपकी सोच सही है या तमन्ना की तमन्ना की....मेरी ये सोच सही है या गलत..जबकि ये सही गलत को define करने वाला भी मे...रा मन ही है....जो हमें सही लगता है या जिस समाज में हम रहते है उन्होंने हमारे संस्कार में क्या conditioning की है हम उसी हिसाब से सही गलत का निर्णय करते है....वो गाना है ना उस ग़म को मार डालो.......अब तमन्ना ने सुलह कर ली है.... जब मन और आत्मा के बीच जब सुलझ नहीं होती दोस्तों तमन्ना मन को चलता कर दिल की बाते सुनती है.......तमन्ना तो यही करती है....दोस्तों ये अंतर्द्वंद का किस्सा आपके साथ भी होता होगा.....फिर आप क्या करते है...आप भी सोचते होंगे दुनिया में कई समाजसुधारक देश के लिए समाज के लिए मर मिट रहे हैं तमन्ना खुद से ही लडती रहती है...पर आप ये भी सोचये कि जिसने खुद के मन और दिल के बीच के अंतर्द्वंद का फासला तय कर लिया तो समाज सुधारक की क्या जरुरत......पहले हम ठीक हो लें तो दुनिया अपने आप निर्मल हो जाएगी.....सोचिये सोचिये......अरे दोस्तों फिर से मन पर दवाब क्यूँ दे रहे है.. ....दिल की सुनिए और तमन्ना के सुहाने सफ़र का हिस्सा बनिए....और देखिये जिया धड़कता कैसे है.......
 
 

आस

तुम यूँ ना हंस के देखो मुझे ऐ मेरे सनम,

ख्वाबो के आंगन में शहनाई सी बज जाती है

ख्यालो में भी तुझसे मिलन की आस नहीं है

ये सोच दिल के प्रांगण में तन्हाई रह जाती है




आरजू

आंसू की लड़ियाँ पलको से निकली नहीं वही थम जाती है

बाते दिल से जुबान तक आती नहीं वही थम जाती हैं

तमन्नाये हाले -दिल पर वक़्त की भी नजर है ऐ खुदा

आरजू मिलन की आई नहीं सबकी निगाहें वही थम जाती हैं




अफसाना

अपने मोहब्बत का इजहारे- बयां कैसे करूँ

प्यार के हर अल्फाज में तेरा फसाना जो है

अब तो सांसे भी सम्हालकर लेते हैं

सांसों के हर राग में तेरा अफसाना जो है


आवाज -तमन्ना

नमस्कार दोस्तों....आज यहाँ मौसम में एक खुमारी है.. तपती धुप के वावजूद भी....और सदाए आवाज दे रही हैं इस खुमारी में बह जाने की...ये आवाज का भी अजब खेल है...कोई पुकारे तो लगता है बस मौसम यही थम जाए.तमन्ना यही रुक जाए...किसी की आवाज कानो में रस घोलती है...किसी की कर्कश ध्वनि कानो में कंकड़ की तरह चुभती है..किसी की आवाज से वीणा के सारे तार झंकृत हो जाते है...कभी किसी ने आवाज दी भी नहीं फिर भी लगता ह...ै उन्होंने पुकारा है दिल से ..वाह रे आवाज...scienceकी भाषा में conservation of energy में आवाज कभी मरती नहीं वो गुंजती रहती है इस जहाँ में ...इसीलिए कई बार आपने सोचा किसी अपने के बारे में और आपके अपनों तक आपकी आवाज पहुँच जाती है बेतार बिना किसी दूरसंचार के...किसी scientist ने तो इतना कहा है की गीता के SHLOKAS भी मिल जायेंगे SOUND फॉर्म में .....आवाज का भी इतिहास है..सोचिये सोचिये.....अरे दोस्तों मेरी आवाज में बहिये मत और सुनिए सदाए कैसे बुला रही हैं आपको.......रम जाइये सदाओं की सुन्दरता में और खो जाइये तमन्ना के सपनो में.......गाना सुनिए.......
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जिद

तुम्हे जिद है हमसे नज़रे चुराने की

हमें जिद है तुम्हे पास बुलाने की

तुम्हे जिद है हमसे दूर जाने की

हमें जिद है तुम्हे अपना बनाने की


होशे -तमन्ना

दोस्तों तमन्ना का सलाम.....तमन्ना आज होश में है पूरी तरह तो वो होश वालो की तरह होश की ही बात करेगी .....आप भी सोचते होंगे कि तमन्ना को आज हो क्या गया है.....ऐसी मतवाली बाते ....लग रहा है ना....अब दोस्तों क्या बताऊँ ,होश किस को कहते हैं ये मुझे बहुत लोगो ने समझाया पर तमन्ना समझ ही नहीं पाती....अगर आपके साथ रहती है तो मदहोशी यूँ ही आ जाती है और अगर बुद्धिजीविओ के समाज में जाती है तो तमन्ना को उनका स...माज होश में ला देता है...सिखाता है...... धरती कठोर है क्युकि ये सत्य है सत्य का स्वरुप सदा होता कठोर है.....अब हम करे तो क्या करे....पर सोचिये दोस्तों , रोज हमारे आसपास इतना कडवापन दीखता है ....इतनी अशांति है की बस तमन्ना अपनी तमन्ना में ही जीना चाहती है मदहोश होकर..कम से कम कुछ पल खुशियों के तो मिलेंगे...अब देखिये मदहोशी की एक बानगी...कोई खुद को मदिरा में डुबोकर होश खोता है तो कोई पैसे पाकर तो कोई सत्ता के गलियारों में धुनी जमाकर तो कोई समाज को सुधारने में ...सोचिये सोचिये ....अरे दोस्तों कितना सोचेंगे...होश ही खोना है तो तमन्ना की मीठी बातो में होश खोइए ....खुद को भूलिए दो पल के लिए और गाना सुनिए होश उड़ाने वाला .....



http://youtu.be/BG0owT4_Mi8
www.youtube.com
A Gazal Album Of Asha & Jagjit Acted by Raima and Riya Sen

चांदनी

तुम चाँद हो जाओ गर पूनम के

मैं मचलती निखरती चांदनी

तुम साज हो जाओ हर सरगम के

मैं उमड़ती घुमड़ती रागिनी


अरमान

ये हवा जरा धीरे चल ख्याल में उनके बहने तो दे

ऐ वारिश जरा रुक के बरस ,दो कदम साथ हमें चलने तो दे !

ऐ शमा जरा धीरे जल ,मन को जरा सुलगने तो दे ,

ऐ लम्हे जरा थम तो जा ,मिलन के सपने पलने तो दे !


जादू-तमन्ना

नमस्कार दोस्तों....आज सुबह- सुबह कहाँ खो गए आप...अगर नहीं तो आज आपकी मुस्कान कहाँ गयी....ये तो कोई बात नहीं हुई .....खिड़की से बाहर झांकिए और देखिये तो सुबह की ठंडी बयार और मादक फूलो ने आपके तन मन पर कैसा जादू चलाया है.... दोस्तों....... इस जादू का खेल भी बड़ा निराला है......किसी ने जादूभरी नजरों से देखा और आप फ़िदा...कभी किसी के हुस्न का जादू आप पर चल गया तो कभी किसी की बातों का जादू तो कभी मनमोहक... मुस्कान का जादू........किसी के दिमाग पर सिर्फ पैसे का जादू चलता है.तो किसी प्रेयसी पर अपने प्रियतम का जादू........पर दोस्तों सोचिये तो जादू है क्या बला....science की भाषा में इसे hipnotism (सम्मोहन )कहते हैं जिसमे जब आपसे कोई ज्यादा मानसिक रूप से स्ट्रोंग है तो आप उसकी नजरों में देखकर सम्मोहित हो जाते है......और फिर क्या बताये......उनके वश में आप ऐसे वशीभूत हुए की आप उनके गुलाम......अब तमन्ना क्या जाने वैज्ञानिको की बातें......वो तो जानती है कि आप जिसे जितना अपना समझते है आपपर उसका जादू उतना चलता है....... कोई इसे काला जादू कहता है तो कोई नशीला जादू......सोचिये सोचिये........अरे दोस्तों फिर से आप कहाँ खो गए....किसका जादू चला है आपके ऊपर ये मत सोचिये..... खोना है तो तमन्ना की जादू भरी बातो में खोइए और सुनिए एक मस्त जादू भरा गीत.......

http://youtu.be/Id6qIJqGGMQ
 

तकरार


हर बात तुम्हारी अच्छी है पर यूँ रूठ के जाना ठीक नहीं

जब मन की अगन भी तुमसे है मेरे दिल को जलाना ठीक नहीं

हम वादे वफ़ा में उलझे रहे तुम रस्मे-रिवाज निभाते रहे

जब प्यार की कसमे खायी हैं यूँ मुंह मोड़ के जाना ठीक नहीं



इश्के-पैगाम

झूमती बहारों में तेरा ही नाम लिखा,

दमकते सितारों में तेरा ही अरमान लिखा

अब तो हर तमन्ना में तेरा ही नजारा है,

महकती फिजाओं में तेरा ही इश्के-पैगाम लिखा


बाते-तमन्ना

दोस्तों आज तमन्ना फिर से आपको अपनी चटर-पटर सुनाने आ गयी....पर दोस्तों अब आप ही बताइए अगर तमन्ना बाते नहीं करेगी अपने सपनो का, आपको आपके मन के रुपहले परदे पर सुनहरे सपने नहीं दिखाएगी तो आपका मन कैसे लगेगा....अब देखिये ना शिकायत भी तो अपने से ही होती है ना...अगर मेरी किसी बात का आपको दुःख लगे तब मुझे बताइयेगा चुप मत रहिएगा...इस बात की कहानी का क्या बयां करू.....किसी की मीठी बात मीठे spongy रसगुल्ले ...की तरह रस घुली होती है ,दिल में भी जज्बात में भी ,अपनों की डांट भी एक अपनेपन का अहसास दिलाती है .....पर जुबान मीठी हो और मन स्वच्छ नहीं हो तो उसकी लच्छेदार बाते भी झूठी लगती है.............कभी किसी की फोर्मल HELLO भी अच्छी नहीं लगती तो कभी कोई बिना बोले ही सबकुछ कह जाता है जो बहुत प्यारी लगती है.....हमारा समाज सिखाता है कि जो भी बात बोलिए वो अप्रिय नहीं लगे किसी को चाहे politically correct शब्द भी बोलना पड़े....जैसे कोई बात आपको अच्छी ना लगे तो बोलिए nice talking to u, अगर Facebook पर किसी की तस्वीर अच्छी ना भी हो तो तो लिखिए Nice Photo ,अगर आप किसी का स्वभाव आपको पसंद नहीं आता तो आप कहते हैं उनके professionalism से आप बहुत प्रभावित हैं,और अगर तमन्ना का कोई शेर पसंद नहीं आता तो बोलेंगे very sweet ........ ..है ना बड़ी अजीब बात....सोचिये सोचिये.....अरे दोस्तों कितना सोचेंगे ........ तमन्ना हमेशा सच बोलती है और दिल की बाते करती है सच्चे दिलदार और फनकार लोगों से ...और आपसे भी सच बोलने की ही आशा रखती है....पर हाँ इतनी इल्तजा जरुर करती है आपसे कि जब उसकी कोई बात बिगड़ जाए तो आप सम्हाल लीजियेगा..........तो गाना सुनिए और बताइए कैसा लगा पर सच बोलियेगा....

http://youtu.be/E_mtmnptlTA
www.youtube.com
jab koi baat bigad jaye, jab koi mushkil pad jaye... tum dena saath mera, o humnawa..one of the most romantic song dedicated to all the lovers "all time favo...

तमन्ना

मैं नदिया हूँ उन्माद भरी, तुम लहर बनो बलखाते से

मैं फूलों की कोमलता हूँ तुम भ्रमर बनो इठलाते से

अब तेरे मेरे रिश्ते की है सदियों से एक डोर बंधी

मैं पथिक बनूँ तेरी राह की ,तुम ठहर बनो मेरी सांसो के


शिकवा

कैसे बताये तुम्हे, तुम बिन जिया ना जाये

दर्दे-जुदाई मुझसे एक पल सहा ना जाए

सामने तुम्हारे हम यूँ ही मुस्कुराते हैं

शिकवा भी कोई जब तुमसे किया ना जाए


दोस्त

जब दर्द भी ना जाए हँसना हम भूल जाए

तन्हाई में हर पल एक कसक सी छाए

आप जो मिले तो खुशगवार हुआ मौसम,
...
ऐसे दोस्तों को कभी छोड़ा ना जाए.........
 

तमन्ना की कहानी - तमन्ना की जुबानी

नमस्कार दोस्तों..... तमन्ना फिर आ गयी आपके सामने एक नया confusion लेकर .....अब तमन्ना भी क्या करे आप लोगो में से किसी ने लिखा मुझे कि तमन्ना मैं आपको अपना प्यार समर्पित करता हूँ ........अब तमन्ना क्या जाने समर्पण का मतलब.......वो तो सीधी साधी भाषा में दिल और सपने की बात करने वाली है........ज्ञान और साहित्य से तो दूर दूर तक उसका वास्ता है नहीं... फिर तमन्ना ने अपने बुद्धिजीवी दोस्तों से समर्पण का म...तलब जानना चाहा......फिर से ज्ञान.......समर्पण मतलब अपने सर्वस्व का अर्पण .......उन्होंने सिखाया अपनी पञ्च इन्द्रियों को समेट कर अपने अहम् को त्याग कर कर्म साधना करने को समर्पण कहते हैं.....अब दोस्तों फिर भगवान् भी हम मनुष्यों की कितनी परीक्षा लेते हैं ना.....अगर इन्द्रियों को समेटना ही था तो वो हमें भी देवता बना देते ...जो स्वर्ग लोक में इतनी अप्सराओं के बीच रहकर भी निर्लिप्त हैं भोगवादी प्रकृति से.....दिनकरजी ने उर्वशी में लिखा था . धरती की इसी सुन्दरता का रस चखने इतनी सुन्दर अप्सरा ने स्वर्ग छोड़ दिया............अरे दोस्तों देखा नींद आने लगी ना........ऐसी बाते तमन्ना के बस की कहाँ है.....वो तो जानती है कि आपके सामने जो भी काम आता है उसे पूरी तन्मयता से खुश होकर करना ही समर्पण है........अब तमन्ना अपने दिल की बात आप तक पहुचाती है पूर्ण समर्पण से ...और आपसे भी उम्मीद करती है कि आप भी दिल को खुला रखे और खुशियों को अपने अन्दर झाँकने दे पूर्ण समर्पण से....अब देखिये ना....एक बहुत पुराना गाना है मेरा पसंदीदा पर कितना समर्पण है इसके प्यार में जरा सोचिये तो....अरे दोस्तों आज आपको खुली छुट है सोचने की समर्पण के बारे में....और हाँ गाना अच्छा लगे तो दो शब्द लिखियेगा जरुर और ना अच्छा लगे तो निद्रा रानी की गोद में सो जाईये पूर्ण समर्पित होकर......
 
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‎"Sahib Bibi Aur Ghulam" (Hindi:साहिब बीबी और गुलाम, is a 1962 Indian Hindi film. Produced by Guru Dutt and directed by Abrar Alvi. )

दौलते-दिल

संवर गए मेरे सारे स्वप्न जब ख्यालो में तुम आ जाते हो

बेकार हुए मेरे सारे जतन जब छोड़ के तुम चले जाते हो

कहते हैं लोग इश्क नाकारा है जिससे दौलत नहीं मिलती

पा लिए हमने सारे रतन जब मेरे नाम में तुम आ जाते हो


कसम

कसम नहीं खाते हैं हम ,जब से उनकी कसम मिली है

प्यार से किसी को देखा नहीं,जब से उनसे नजर मिली है

तमन्ना के खुदाई का किस्सा भी अजीब है यारों

मौत से भी कह देंगे तू ठहर ,अभी इजाजत नहीं मिली है